सोमवार, 31 जनवरी 2011

हो सकती है .. देश में फिर से एक क्रांति ?!!!

दोस्तों ,
बापू की पुण्यतिथि पर देश में बहुत समय के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ देश लाम बंद हुआ है । दिल्ली में किरण बेदी , अरविन्द केजरीवाल , स्वामी अग्निवेश और भ्रटाचार से पीड़ित असंख्य लोग... ...... जयपुर में अरुणा राय ...बिलासपुर में बाबा रामदेव .........और देश में कई जगह न जाने कितने लोग .................... एक आशा और आक्रोश के साथ .......
टेलीविजन पर जब इन आक्रोशित लोगो को देखा तो यह आन्दोलन कुछ अलग सा था ........?
इसमें स्वार्थी नेता नहीं थे !
इसमें राजनीति नहीं थी !!
इसमें कई अच्छे लोग शामिल थे !
इसमें आम आदमी अपने आम मुद्दे पर एकजुट हुए थे !
अब इन सब को देख कर जेहन में इतिहास में पढ़ी हुई कई क्रांतियाँ याद आ गयी ......... १७७६ में अमेरिका में लोगो ने अंग्रेजो के खिलाफ इसी तरह आवाज उठाई .... और दुनिया के पहले लिखित संविधान के साथ एक लोकतंत्र का जन्म हुआ ............. १७८९ में फ़्रांस में पेरिस में इसी तरह लोगो की भीड़ ने एक क्रांति को जन्म दिया ...... दुनिया को स्वतंत्रता , बंधुता, और समानता का नारा मिला । ....... भारत में लोग इसी तरह ..........गाँधी जी के पीछे अहिंसा के दम पर दुनिया की तब सबसे बड़ी ताकत से लड़ने चल पड़े ........ ........ .......
आज फिर से लोग परेशां है ........... महंगाई .......भ्रष्टाचार .........घोटाले ......आतंकवाद.........नक्सलवाद.... और न जाने क्या क्या ............
लोग क्रांतियाँ तब नही करते जब उन पर अत्याचार हो , जब उन्हें उनके अधिकार न मिले .... जब उनकी कही सुनवाई न हो ...!!!!
लोग क्रांतियाँ तब करते है जब इन सब का ज्ञान हो , अपने अधिकारों की जानकारी हो ..............
अब वक़्त आ गया है ........
बहुत हो गया ......
हम भारत के लोग ......
हमारा संविधान हमारे लिए है ....उनके लिए नही जो हमारा पैसा स्विस बेंको में जमा करते है।
हमारी जनता अब जाग रही है .....

1 टिप्पणी:

ab apki baari hai, kuchh kahne ki ...

orchha gatha

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